गुरू*
गुरू वही है जो इंसान की आँखें खोल दे
सच कितना भी कडुवा हो मुँह पर बोल दे।
इंसान के जीवन को प्रभु चरणों से जोड़ दे
अंधकार से निकालकर रोशनी से जोड़ दे।
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गुरू*
गुरू वही है जो इंसान की आँखें खोल दे
सच कितना भी कडुवा हो मुँह पर बोल दे।
इंसान के जीवन को प्रभु चरणों से जोड़ दे
अंधकार से निकालकर रोशनी से जोड़ दे।