ग़ुरूर
वो ग़ुरूर में चूर थे ऊँचा ओहदा पाकर
अँधों में अपने को राजा कहलवा कर।
बड़े ख़ुश थे अपने को सबसे घिरा पाकर
फूले नहीं समा रहे थे झूठी प्रशंसा पाकर।
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ग़ुरूर
वो ग़ुरूर में चूर थे ऊँचा ओहदा पाकर
अँधों में अपने को राजा कहलवा कर।
बड़े ख़ुश थे अपने को सबसे घिरा पाकर
फूले नहीं समा रहे थे झूठी प्रशंसा पाकर।