प्रवचन, आशिकी और लवर बनने से ज्यादा अच्छा है, सादगी में जी लो..
कुछ चन्द लम्हें हैं जिन्दगी के।
अपनों को पहचानों, और तौबा करो..
बेईमानी से जो रिश्ते फट गये थे..
उन्हें सम्हालों …
उन्हें ही सी लो।
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प्रवचन, आशिकी और लवर बनने से ज्यादा अच्छा है, सादगी में जी लो..
कुछ चन्द लम्हें हैं जिन्दगी के।
अपनों को पहचानों, और तौबा करो..
बेईमानी से जो रिश्ते फट गये थे..
उन्हें सम्हालों …
उन्हें ही सी लो।